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सितंबर, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

किस्मत तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते

  किस्मत तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते ... कहते हैं हाथों की लकीरों पर भरोसा मत कर , किस्मत तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते। जी हां , इस कथनी को करनी में बदल दिया है राजस्थान की कोटपूतली तहसील के नारेहड़ा गांव की 14 वर्षीय मुखला सैनी ने। मुखला को कुदरत ने जन्म से ही हाथ नहीं दिये , लेकिन मुखला का हौसला , जज्बा और हिम्मत देखिए , उसने ‘ करत-करत अभ्यास के जड़मत होत सुजान ’ कहावत को भी चरितार्थ कर दिखाया है , अब वह अपने पैरों की सहायता से वह सब कार्य करती है जो उसकी उम z के अन्य सामान्य बच्चे करते हैं। कुदरत ने मुखला को सब कुछ तो दिया , लेकिन जीवन के जरूरी काम-काज के लिए दो हाथ नहीं दिये। बिना हाथों के जीवन की कल्पना करना भी बहुत कठिन है , लेकिन मुखला ने इसे अपनी नियति मान कर परिस्थितियों से समझौता कर लिया है। हाथ नहीं होने पर अब वह पैरों से अपने सारे काम करने लग गई है। पढ़ने की ललक के चलते मुखला पैरों से लिखना सीख गई है और आठवीं कक्षा में पहुंच गई है। मुखला को पैरों से लिखते देखकर हाथ वालों को भी कुछ कर दिखाने की प्रेरणा लेनी चाहिए। 14

हवा में उड़ी लड़की, आरा मशीन से कटकर दो टुकड़ों में बंटे मैजिशियन शिवकुमार

मैजिशियन शिव कुमार के मैजिक के मैजिकजाल में दर्शक हवा में उड़ी लड़की, आरा मशीन से कटकर दो टुकड़ों में बंटे मैजिशियन शिवकुमार कोटपूतली। जी हां, कुछ इसी तरह के हैरतअंगेज कर देने वाले मैजिक कर दर्शकों में कौतुहल व जिज्ञासा के भाव पैदा कर रहे हैं मैजिशियन शिवकुमार। शाम 7 बजे शुभारंभ हुए कोटपूतली में प्रथम शो का शुभारंभ कोटपूतली विधायक रामस्वरूप कसाना के बेटे आदित्य कसाना ने रिबन काटकर किया। इस अवसर पर आदित्य के साथ रोहित, आनंद, गोबिन्द बिदानी, पार्षद शैतान सिंह एवं अन्य अतिथि उपस्थित थे।     शो के दौरान गzेट मैजिशियन ‘जादूगर’ शिवकुमार ने भzुण हत्या एवं जल है तो कल है जैसे महत्वपूर्ण संदेशों को भी शो के जरिये रेखांकित किया। साथ ही पलक झपकते ही मैजिक बाWक्स से बाहर निकलकर दर्शकों के बीच पहुंच जाना और पलक झपकते ही सांप को लड़की में और लड़की को खुंखार जानवर में बदलने का कारनामा भी जादुगर शिवकुमार ने करके दिखाया।     जादुगर शिव कुमार के पीआरओ मनीष तिवारी ने बताया कि कोटपूतली में प्रतिदिन दो शो प्रदर्शित होंगे। पहला शो दोपहर 12 बजे से एवं दूसरा शाम 7 बजे से प्रांरभ होगा। तिवारी ने बताया कि उनका क

इंस्पायर्ड छात्रवृत्ति के लिए चयनित

मां सरस्वती सी.सैकण्डरी स्कूल, सैमाला का छात्र इंस्पायर्ड छात्रवृत्ति के लिए चयनित छात्र को मिलेगें 4 लाख रूपये कोटपूतली। जी हां, सही पढ़ा आपने। इस छात्र को मिलेगी 4 लाख की छात्रवृत्ति। ...और छात्रवृति देगा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार।...तो देखिए सरकार होनहारों को कितना कुछ देती है। इस छात्र ने विज्ञान वर्ग में उत्कृष्ठ अंक प्राप्त किए हैं, जिसके फलस्वरूप उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए भारत सरकार ने 80,000 रूपये प्रतिवर्ष, अगले 5 वर्ष तक देने की घोषणा की है। इस प्रकार छात्र को कुल 4 लाख रूपये मिलेेगें। ...और यह होनहार तैयार किया है क्षेत्र में सैमाला खुर्दी रोड़ पर स्थित मां सरस्वती पब्लिक सीनियर सैकण्डरी स्कूल ने।     संस्था के निदेशक रामावतार कसाना ने हर्ष व्यक्त करते हुए बताया कि समस्त स्टाWफ व छात्रों में छात्र की उपलब्धि पर गर्व है। छात्र ने उपलब्धि का श्रेय गुरूजनों के आशिर्वाद एवं मार्गदर्शन को दिया है।     उल्लेखनीय है कि विद्यालय क्षेत्र में कड़े अनुशासन एवं शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। इससे पहले विद्यालय के एक अन्य छात्र ने मेरिट में भी स्थान पाय

कब चालू होगा 75 लाख का ट्रोमा सेंटर?

कब चालू होगा 75 लाख का ट्रोमा सेंटर? तैयार है 55 लाख का भवन व 20 लाख की एंबुलेंस     कोटपूतली। सरकारी मशीनरी किस गति से कार्य करती है, देख लीजिए कोटपूतली के ट्रोमा सेंटर भवन एवं इसके बाहर सभी सुविधाओं से लदकद खड़ी एम्बुलेंस को।     इस भवन को पूर्णतया तैयार हुए करीब 8 माह से भी अधिक का समय बीत चुका है। अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि खुद अस्पताल प्रशासन भी इसकी अवधि ‘करीब’ या ‘लगभग’ शब्दों में ही बताता है।     अस्पताल प्रशासन ने बताया कि इस भवन में बिजली, पानी, चैम्बर, ऐसी...अर्थात सभी मूलभूत व आवश्यक सुविधाऐं मुहैया करा दी गई हैं। अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि भवन निर्माण में कुल 55 लाख का खर्चा बैठ गया है। इसके अलावा इसके बजट में 20 लाख की अलग से एम्बुलेंस भी शामिल है जो सेंटर के बाहर ही खड़ी रहती है। इसके संबंध में खुद अस्पताल प्रशासन के लोग व अन्य दबी जबान से कहते हैं कि अगर शीघz भवन का उद~घाटन नहीं हुआ तो यह एंबुलेंस फिटनेस के लिए मैकेनिक के पास और भवन की मरम्मत के लिए दोबारा से बजट पास करना पड़ सकता है।...क्योंकि लोगों ने भवन के बाहर गाड़ियां खड़ी करना और इसके अहा