सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

कोरोना को हराकर लौटे गोयल, समर्थकों ने जताई खुशी

न्यूज चक्र, कोटपूतली। भाजपा नेता मुकेश गोयल की कोरोना रिर्पोट नेगेटिव आ गई है। गोयल ने अपने प्रशंसको के लिए यह जानकारी खुद सोशल मीडिया पर शेयर की है। गोयल के कोरोना पर जीत हासिल कर लौटने पर समर्थकों ने खुशी जाहिर की है।

आपको बता दें कि भाजपा नेता मुकेश गोयल गत 14 सितम्बर से ही अस्वस्थ चल रहे थे और जयपुर के दुर्लभजी अस्पताल में उपचार ले रहे थे। गोयल की 24 सितम्बर को कोरोना रिर्पोट पाॅजिटिव पाई गई थी। फिलहाल गोयल स्वस्थ हैं और कोरोना रिर्पोट भी नेगेटिव आ गई है। लेकिन फिलहाल चिकित्सकीय सलाह पर एक सप्ताह के लिए होम आइसोलेशन रहेगें।

समर्थकों ने किया हवन, मांगी दिर्घायू


भाजपा नेता मुकेश गोयल के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना को लेकर लक्ष्मीनगर स्थित श्रीराम मंदिर में भाजपा कार्यकर्ता व समर्थक हवन का आयोजन कर पूजा अर्चना भी कर रहे थे। गोयल के स्वस्थ होकर कोटपूतली निवास पर लौट आने पर सर्मथकों ने खुशी जाहिर की है। आपको बता दें कि अपने विभिन्न सामाजिक कार्यों में भागीदारी के चलते मुकेश गोयल समर्थकों के दिलों में जगह बनाए हुए हैं।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

किस्मत तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते

  किस्मत तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते ... कहते हैं हाथों की लकीरों पर भरोसा मत कर , किस्मत तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते। जी हां , इस कथनी को करनी में बदल दिया है राजस्थान की कोटपूतली तहसील के नारेहड़ा गांव की 14 वर्षीय मुखला सैनी ने। मुखला को कुदरत ने जन्म से ही हाथ नहीं दिये , लेकिन मुखला का हौसला , जज्बा और हिम्मत देखिए , उसने ‘ करत-करत अभ्यास के जड़मत होत सुजान ’ कहावत को भी चरितार्थ कर दिखाया है , अब वह अपने पैरों की सहायता से वह सब कार्य करती है जो उसकी उम z के अन्य सामान्य बच्चे करते हैं। कुदरत ने मुखला को सब कुछ तो दिया , लेकिन जीवन के जरूरी काम-काज के लिए दो हाथ नहीं दिये। बिना हाथों के जीवन की कल्पना करना भी बहुत कठिन है , लेकिन मुखला ने इसे अपनी नियति मान कर परिस्थितियों से समझौता कर लिया है। हाथ नहीं होने पर अब वह पैरों से अपने सारे काम करने लग गई है। पढ़ने की ललक के चलते मुखला पैरों से लिखना सीख गई है और आठवीं कक्षा में पहुंच गई है। मुखला को पैरों से लिखते देखकर हाथ वालों को भी कुछ कर दिखाने की प्रेरणा लेनी चाहिए...

जादुई धरातल पर असली मुलाकात, गzेट मैजिशियन शिव कुमार के साथ

आरा मशीन से कटकर दो टुकड़ों में बंट जाते हैं जादुगर शिवकुमार प्रश्न- शिव कुमार जी, जादू क्या है? इससे किस प्रकार लोगों का स्वस्थ मनोरंजन हो पाता है? जवाब- जादू विज्ञान पर आधारित एक कला है, और इस कला को खूबसूरती के साथ पेश करना ही मैजिक है। इसमें सामाजिक संदेश छिपे होते हैं। लोगों को अंधविश्वास से लड़ने की प्रेरणा देता है जादू। इसलिए इससे स्वस्थ मनोरंजन भी होता है। प्र श्न- अगर जादू एक कला है, विज्ञान है तो फिर जो लोग टोने-टोटके करते हैं, झाड़-फूक करते हैं, वो क्या है? जवाब- यह बिल्कुल गलत और झूठ है कि टोने-टोटकों या झाड़फूंक से किसी को वश में किया जा सकता है। तंत्र-मंत्र जादू-टोना कुछ नहीं होता है। अगर जादू से किसी की जान ली जा सकती या दी जा सकती तो सरकार देश की सीमाओं की रक्षा के लिए एक जादूगर को नियुक्त कर देती और किसी को शहीद होना नहीं पड़ता। ...लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता है। जादू से सिर्फ एक स्वस्थ मनोरंजन हो सकता है, ऐसा मनोरंजन जिससे डिप्रेशन का मरीज भी ठीक हो जाता है। प्रश्न- ...तो जादू के शो के माध्यम से आप किस प्रकार के संदेश समाज को देते हैं? जवाब- हम अपने शो में लड़की को गायब क...

लापरवाही का शिकार गांव बनेटी, सभी सुविधाऐं होने के बावजूद उनका उपयोग नहीं कर पा रहे ग्रामवासी