सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

जादुई धरातल पर असली मुलाकात, गzेट मैजिशियन शिव कुमार के साथ

आरा मशीन से कटकर दो टुकड़ों में बंट जाते हैं जादुगर शिवकुमार
प्रश्न- शिव कुमार जी, जादू क्या है? इससे किस प्रकार लोगों का स्वस्थ मनोरंजन हो पाता है?
जवाब- जादू विज्ञान पर आधारित एक कला है, और इस कला को खूबसूरती के साथ पेश करना ही मैजिक है। इसमें सामाजिक संदेश छिपे होते हैं। लोगों को अंधविश्वास से लड़ने की प्रेरणा देता है जादू। इसलिए इससे स्वस्थ मनोरंजन भी होता है।
प्रश्न- अगर जादू एक कला है, विज्ञान है तो फिर जो लोग टोने-टोटके करते हैं, झाड़-फूक करते हैं, वो क्या है?
जवाब- यह बिल्कुल गलत और झूठ है कि टोने-टोटकों या झाड़फूंक से किसी को वश में किया जा सकता है। तंत्र-मंत्र जादू-टोना कुछ नहीं होता है। अगर जादू से किसी की जान ली जा सकती या दी जा सकती तो सरकार देश की सीमाओं की रक्षा के लिए एक जादूगर को नियुक्त कर देती और किसी को शहीद होना नहीं पड़ता। ...लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता है। जादू से सिर्फ एक स्वस्थ मनोरंजन हो सकता है, ऐसा मनोरंजन जिससे डिप्रेशन का मरीज भी ठीक हो जाता है।
प्रश्न- ...तो जादू के शो के माध्यम से आप किस प्रकार के संदेश समाज को देते हैं?
जवाब- हम अपने शो में लड़की को गायब करते हैं और फिर उसे वापस बुलाते हैं। उसके बाद मैं दर्शकों को कहता हूं कि ‘असली जादूगर तो आप हैं जो लड़की को हमेशा-हमेशा के लिए गायब कर देते हैं।’ फिर मैं उनसे भzुण हत्या रोकने की अपील करता हूं।...हमारे पास मैजिक की एक बोतल होती है जिसके पास एक व्यक्ति जाता है और वह कंकाल मंे बदल जाता है। इसके बाद मैं कहता हूं कि ‘नशा जीवन का नाश करता है। इसे त्याग दीजिए, अन्यथा कंकाल बन जाएगें।’..तो इस तरह के संदेश हम अपने शो में दर्शकों को देते हैं।
प्रश्न- इन सबके बावजूद क्या है कि लोग जादू व सर्कस के शो में बहुत कम पहुंचते हैं?
जवाब- आज जमाना टीवी-फिल्मों पर आधारित हो गया है। जादू व सर्कस के शो में जो कलाकारियां दिखाई जाती हैं आज वे कैमरा ट्रिक्स की सहायता से फिल्मों में दिखाई जाने लगी हैं। बस यही कारण हैै।
प्रश्न- शिव कुमार जी, आपने अपने देश में भी कई शो किए हैं और विदेशों में भी। जादू कला के लिए कहा जाता है कि यह भारत की देन हैं फिर विदेशी जादुगरों ने भारतीय जादुगरों की तुलना में मजबूत पहचान कैसे बना ली है?
जवाब- यह सत्य है कि मैजिक इंडिया की देन है। जहांगीर नामा में भी इसका उल्लेख मिलता है। यह कला विदेशियों ने हमसे सीखी है या चुराई है। आज वो हवा में प्लेन गायब करते हैं, मकान गायब करते हैं, दीवार गायब करते हैं...तो इसमें करोड़ों का खर्चा होता है। विदेशी जादुगरों को उनकी सरकार से सहायता मिल जाती है, इसलिए वो आगे बढ़ रहे हैं। हमारे यहां ऐसी सहायता नहीं मिलती है।
प्रश्न- क्या मनोरंजन पर किसी प्रकार का कोई कर भी लगा हुआ है?
जवाब- कर बिल्कुल लगा है लेकिन हमारे मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत स्वयं जादुगर हैं। इसलिए उन्होंने जादू कला को टैक्स मुक्त कर रखा है। इससे जादुगरों को काफी राहत मिली है।
प्रश्न- शिव कुमार जी, भारत में जादुकला को सही सम्मान किसने दिलाया और कब से इसको उन्नति मिलने लगी?
जवाब- भारतीय जादुगर हुए हैं पी.सी. सरकार, जिन पर भारत सरकार ने डाक टिकट भी जारी किया है। उन्होंने अमेरिका में एक थियेटर शो के दौरान एक लड़की को दो भागों में बांट दिया, जिससे वहां के सांइटिस्ट एवं अन्य टैकनीशियन काफी प्रभावित हुए। इसके बाद ही भारतीय जादुगरों को सही सम्मान मिलने लगा।
प्रश्न- अब आपसे आखरी सवाल, आपने जादुकला को क्यों अपनाया और यहां तक कैसे पहुंचे?
जवाब- बचपन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना थी। एक बार देखा कि एक बाबा छाती के Åपर से ट्रक निकाल रहा था। मैनें उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि यह प्राणायाम का खेल है। धीरे-धीरे ऐसे खेलों के प्रति मेरी जिज्ञासा बढ़ने लगी और मेरी मुलाकात अजमेर के जादुगर ‘राय’ से हुई। जादुगर राय ने मुझे पूरी जादुई शिक्षा दी और आज हम देश-विदेश में अपना शो करके लोगों का मनोरंजन करते हैं तथा उनको अंधविश्वास से लड़ने की प्रेरणा देते हैं।

टिप्पणियाँ

  1. मेरो नाम जेन हो। यो मेरो जीवनको एकदमै आनन्दित दिन हो किनभने डाएकवा डब्ल्यूयूले मलाई आफ्नो पति र मायाको जादूको साथमा मेरो पूर्व पतिलाई फिर्ता लिन मद्दत गरेर मलाई प्रदान गर्यो। म 6 वर्ष को लागि विवाहित थिए र यो धेरै भयानक थियो किनकि मेरो पति वास्तव मा मलाई धोखा दे रही थियो र उनको तलाक को लागि खोज रहेको थियो तर जब म डाएएक्वायू ई मेल मा इंटरनेट मा कसरि आए हो उसलाई कसरि उनको धेरै फिर्ता उनको पूर्व फिर्ता गर्न को लागि मदद को छ र रिसेक्सन फिक्सिंगमा मद्दत पुर्याउनुहोस्। मेकपपलेपलहरू उनीहरूको सम्बन्धमा खुसी रहन्छन्। मैले आफ्नो अवस्था उनको बारेमा बताए र त्यसपछि उनीहरूको सहयोग खोज्छ तर मेरो सबैभन्दा ठूलो आश्चर्यको कारण उहाँले मलाई भन्नुभयो कि उसले मलाई मेरो मामलामा मद्दत गर्नेछ र यहाँ म उत्सव गर्दैछु किनभने मेरो पति राम्रोसँग राम्रो परिवर्तन भएको छ। उहाँ सधैं मेरो द्वारा हुन चाहन्छु र मेरो वर्तमान बिना केहि गर्न सक्दैन। म साँच्चै मेरो विवाहको आनन्द उठाउँदै छु, कस्तो महान् उत्सव। म इन्टरनेटमा गवाही दिँदै किनभने डाएकएक्वायू साँच्चै एक वास्तविक जादू क्यास्टर हुनुहुन्छ। क्या तपाईं चिकित्सक संग संपर्क गर्नुहोस अब तपाईंलाई Via EMAIL: AKAKWU@gmail.com को आवश्यकता छ
     । उहाँ आफ्नो समस्याको एक मात्र उत्तर हो र तपाईं आफ्नो प्रेममा 1 मायालु स्पेल 2 मा उत्तम महसुस गर्नुहुन्छ WOMB को 3 भाग 4 प्रमोशन स्पेल 5 संरक्षण स्पेल 6 बिजनेस स्पील 7 राम्रो नौकरी स्पेल 8 ल्याटेर स्पेल र कर्टसिस SPELL।

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ओवरलोड चलते हैं, और...पलट जाते हैं...यमदूत बनकर

    यह किसी फिल्म का सीन नहीं, बल्कि एक ऐसी दुखद हकीकत है, जिसे कोटपूतली के बाशिंदे हर रोज झेलते हैं। गांव से मजदूरी पर निकला कोई मजदूर हो या किसी कम्पनी का ओहदेदार प्रशासनिक अधिकारी।...हर किसी के जहन में बस एक ही डर रहता है कि पता नहीं ‘कोटपूतली क्राॅस ’ हो पाएगा कि नहीं? पता नहीं जाम में फंस जांए या जान ही चली जाए।     कोटपूतली में सर्विस लाइन को लेकर आए दिन होने वाली दुर्घटनाऐं इसी ओर इशारा करती हैं कि ‘यहां चलना खतरे से खाली नहीं हैं।’  अगर यकीन ना हो तो कोटपूतली मैन चैराहे से लक्ष्मीनगर मोड़ तक की सर्विस लाइन के हालात देख आइए। यकीनन आपके चेहरे का रंग तो बदरंग नजर आएगा ही सेहत भी डाॅक्टर की सलाह लेने को कहने लगेगी।     ...लेकिन इन सब से शायद हमारे जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को कोई खास मतलब नहीं है, तभी तो दिन में एक-दो दफा़ यहां से अगर गुजरते भी हैं तो आंखे मूंदकर। (ऊपर) न्यूज चक्र द्वारा कोटपूतली पुलिया से डाबला रोड़ पर ली गई ये तस्वीरें ओवरलोडेड डम्परों की स्पष्ट तस्वीरें बता रही हैं कि दिनदहाड़े कैसे कोटपूतली प्रशासन के नाक के नीचे ओवरलोडेड वाहनों का आवागमन होता

कोरोना को हराकर लौटे गोयल, समर्थकों ने जताई खुशी

न्यूज चक्र, कोटपूतली। भाजपा नेता मुकेश गोयल की कोरोना रिर्पोट नेगेटिव आ गई है। गोयल ने अपने प्रशंसको के लिए यह जानकारी खुद सोशल मीडिया पर शेयर की है। गोयल के कोरोना पर जीत हासिल कर लौटने पर समर्थकों ने खुशी जाहिर की है। आपको बता दें कि भाजपा नेता मुकेश गोयल गत 14 सितम्बर से ही अस्वस्थ चल रहे थे और जयपुर के दुर्लभजी अस्पताल में उपचार ले रहे थे। गोयल की 24 सितम्बर को कोरोना रिर्पोट पाॅजिटिव पाई गई थी। फिलहाल गोयल स्वस्थ हैं और कोरोना रिर्पोट भी नेगेटिव आ गई है। लेकिन फिलहाल चिकित्सकीय सलाह पर एक सप्ताह के लिए होम आइसोलेशन रहेगें। समर्थकों ने किया हवन, मांगी दिर्घायू भाजपा नेता मुकेश गोयल के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना को लेकर लक्ष्मीनगर स्थित श्रीराम मंदिर में भाजपा कार्यकर्ता व समर्थक हवन का आयोजन कर पूजा अर्चना भी कर रहे थे। गोयल के स्वस्थ होकर कोटपूतली निवास पर लौट आने पर सर्मथकों ने खुशी जाहिर की है। आपको बता दें कि अपने विभिन्न सामाजिक कार्यों में भागीदारी के चलते मुकेश गोयल समर्थकों के दिलों में जगह बनाए हुए हैं।

कहां है परिवहन विभाग ?

इन जीपों की तस्वीरे कोटपूतली-बानसूर रोड़ से ली गई है। स्कूली जीप की तस्वीर बानसूर के एक प्राइवेट विघालय की है।   परिवहन विभाग की नींद ने छीना आमजन का सुख चैन     चलना है तो जीप की छत पर बैठ जा या पीछे लटक जा...नहीं तो यूं ही पूरे दिन खड़ा रहेगा। जीप चालकों की यही धोंस अच्छे भले व पढ़े-लिखे आदमी को भी ‘लटकने’ पर मजबूर कर देती है।...और फिर मरता, क्या नहीं करता, कहावत यहीं तो चरितार्थ होती है। बेचारा व्यवस्था का शिकार आदमी करे भी क्या!     जी हां, परिवहन विभाग की अनदेखी की वजह से गzामीण लोगों को प्रतिदिन जान हथेली पर रख सफर करना पड़ रहा है जिसमें बच्चे, महिलाऐं एवं वृ¼जन भी शामिल हैं।     Åपर की तस्वीरों को ध्यान से देखिए, एक जीप जिसमें जीप चालक बुकिंग के समय 10 से  अधिक सवारियां नहीं बिठाते वहीं सवारियों के लिए चलते समय ये 30 सवारियां पूरी हुए बिना स्टैण्ड से हिलते भी नहीं हैं।। तस्वीर 1 में एम-1 व्यक्ति को देखिए,  यह व्यक्ति जीप के सबसे आगे के हिस्से पर बैठा है और ऐसी स्थिति में है कि अचानक बzेक लगने पर यह पलक झपकने से भी कम समय में सड़क पर गिर सकता है और दुर्घटना घट सकती है। अब