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किस्मत तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते

  किस्मत तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते ... कहते हैं हाथों की लकीरों पर भरोसा मत कर , किस्मत तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते। जी हां , इस कथनी को करनी में बदल दिया है राजस्थान की कोटपूतली तहसील के नारेहड़ा गांव की 14 वर्षीय मुखला सैनी ने। मुखला को कुदरत ने जन्म से ही हाथ नहीं दिये , लेकिन मुखला का हौसला , जज्बा और हिम्मत देखिए , उसने ‘ करत-करत अभ्यास के जड़मत होत सुजान ’ कहावत को भी चरितार्थ कर दिखाया है , अब वह अपने पैरों की सहायता से वह सब कार्य करती है जो उसकी उम z के अन्य सामान्य बच्चे करते हैं। कुदरत ने मुखला को सब कुछ तो दिया , लेकिन जीवन के जरूरी काम-काज के लिए दो हाथ नहीं दिये। बिना हाथों के जीवन की कल्पना करना भी बहुत कठिन है , लेकिन मुखला ने इसे अपनी नियति मान कर परिस्थितियों से समझौता कर लिया है। हाथ नहीं होने पर अब वह पैरों से अपने सारे काम करने लग गई है। पढ़ने की ललक के चलते मुखला पैरों से लिखना सीख गई है और आठवीं कक्षा में पहुंच गई है। मुखला को पैरों से लिखते देखकर हाथ वालों को भी कुछ कर दिखाने की प्रेरणा लेनी चाहिए...

जादुई धरातल पर असली मुलाकात, गzेट मैजिशियन शिव कुमार के साथ

आरा मशीन से कटकर दो टुकड़ों में बंट जाते हैं जादुगर शिवकुमार प्रश्न- शिव कुमार जी, जादू क्या है? इससे किस प्रकार लोगों का स्वस्थ मनोरंजन हो पाता है? जवाब- जादू विज्ञान पर आधारित एक कला है, और इस कला को खूबसूरती के साथ पेश करना ही मैजिक है। इसमें सामाजिक संदेश छिपे होते हैं। लोगों को अंधविश्वास से लड़ने की प्रेरणा देता है जादू। इसलिए इससे स्वस्थ मनोरंजन भी होता है। प्र श्न- अगर जादू एक कला है, विज्ञान है तो फिर जो लोग टोने-टोटके करते हैं, झाड़-फूक करते हैं, वो क्या है? जवाब- यह बिल्कुल गलत और झूठ है कि टोने-टोटकों या झाड़फूंक से किसी को वश में किया जा सकता है। तंत्र-मंत्र जादू-टोना कुछ नहीं होता है। अगर जादू से किसी की जान ली जा सकती या दी जा सकती तो सरकार देश की सीमाओं की रक्षा के लिए एक जादूगर को नियुक्त कर देती और किसी को शहीद होना नहीं पड़ता। ...लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता है। जादू से सिर्फ एक स्वस्थ मनोरंजन हो सकता है, ऐसा मनोरंजन जिससे डिप्रेशन का मरीज भी ठीक हो जाता है। प्रश्न- ...तो जादू के शो के माध्यम से आप किस प्रकार के संदेश समाज को देते हैं? जवाब- हम अपने शो में लड़की को गायब क...

स्कूटी वितरित 01 नहीं आये मुख्यमंत्री गहलोत, लागों ने छोडा पांडाल

देवनारायण योजना के तहत कोटपूतली में काॅलेज छात्राओं को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा स्कूटी वितरित की जानी थी। लेकिन ऐन वक्त पर मुंख्यमंत्री का कोटपूतली दौरा रद्द होने के कारण छात्राओं समेत उपस्थित जनसमुदाय के चेहरों पर मायूसी छा गई तथा पांडाल एकाएक खाली होता नजर आया। तभी मंच पर बैठे क्षेत्रीय विधायक एवं संसदीय संचिव रामस्वरूप कसाना मंच से उतरकर भीड़ के बीच पहुंचे तथा हाथ जोड़कर निवेदन करते हुए लोगों को यथास्थान बिठाया।   गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आज 20 मार्च, दोपहर 12 बजे कोटपूतली पहुंचने का कार्यक्रम था। मुख्यमंत्री यहां देवनारायण योजना के तहत काॅलेज छात्राओं को स्कूटी वितरण , स्थानीय पंचायत समिति परिसर में नवनिर्मित राजीव गांधी सेवा केन्द्र का उदघाटन तथा ग्राम केसवाना में 132 केवी जीएसएस का लोकार्पण करने वाले थे। लेकिन निर्धारित समय से ठीक पहले मंच से घोषणा हुई कि खराब मौसम के चलते मुख्यमंत्री का हैलिकाॅप्टर उडान नहीं भर पा रहा है जिसके कारण उनका कोटपूतली दौरा भी रद्द हो गया है। इस घोषणा के तत्काल बाद ही पांडाल से लोग उठकर जाने लगे जिन्हें देखकर योजना...