भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चला रहे अन्ना हजारे की ओर से शनिवार को सरकार को यह चुनौती दी गई कि देश की जनता को जन लोकपाल विधेयक और सरकार के लोकपाल विधेयक में से कौनसा प्रारूप पसंद हैए इसे जानने के लिए देश में जनमत संग्रह करा लिया जाए।
रामलीला मैदान पर उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए अन्ना टीम के वरिष्ठ सदस्य प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार और कुछ पक्षों की ओर से यह तर्क दिया जा रहा है कि जन लोकपाल विधेयक को थोपने की कोशिश की जा रही है तथा सरकार को ब्लैकमेल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आरोप लगाया जा रहा है कि अन्ना ने अपनी बात थोपने के लिए सरकार के सिर पर बंदूक तान रखी है। उन्होंने कहा कि अन्ना के पास कोई बंदूक नहीं है और न ही सरकारी ताकत। जन समर्थन को आंकने के लिए देश में इस मुद्दे पर जनमत संग्रह कराया जा सकता है।
रामलीला मैदान पर उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए अन्ना टीम के वरिष्ठ सदस्य प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार और कुछ पक्षों की ओर से यह तर्क दिया जा रहा है कि जन लोकपाल विधेयक को थोपने की कोशिश की जा रही है तथा सरकार को ब्लैकमेल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आरोप लगाया जा रहा है कि अन्ना ने अपनी बात थोपने के लिए सरकार के सिर पर बंदूक तान रखी है। उन्होंने कहा कि अन्ना के पास कोई बंदूक नहीं है और न ही सरकारी ताकत। जन समर्थन को आंकने के लिए देश में इस मुद्दे पर जनमत संग्रह कराया जा सकता है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें