जयपुर, (30 अप्रैल)। कन्या भ्रुण हत्या रोकने का संदेश देने
हेतु मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उनके निवास स्थान पर ‘कन्या भ्रुण हत्या
रोकने के लिए गर्भ समापन और सोनोग्राफी के कानूनों को जानिए’ पुस्तक की एक
प्रति, पुस्तक के लेखक सत्यनारायण पाटोदिया, डायरेक्टर, सेन्टर फार पब्लिक
अवेयरनेस एण्ड इन्फार्मेशन ने मुख्यमंत्री गहलोत को भेंट की। इसके साथ ही
कन्या भ्रुण हत्या रोकने के लिए पोस्टर का विमोचन भी मुख्यमंत्री गहलोत ने
किया। इस अवसर पर पुस्तक की सह लेखिका डा. अंशु पाटोदिया और मीरा अस्पताल,
बनीपार्क, जयपुर की मेडिकल डायरेक्टर डा. मीरा पाटोदिया भी उपस्थित रही।
यह किसी फिल्म का सीन नहीं, बल्कि एक ऐसी दुखद हकीकत है, जिसे कोटपूतली के बाशिंदे हर रोज झेलते हैं। गांव से मजदूरी पर निकला कोई मजदूर हो या किसी कम्पनी का ओहदेदार प्रशासनिक अधिकारी।...हर किसी के जहन में बस एक ही डर रहता है कि पता नहीं ‘कोटपूतली क्राॅस ’ हो पाएगा कि नहीं? पता नहीं जाम में फंस जांए या जान ही चली जाए। कोटपूतली में सर्विस लाइन को लेकर आए दिन होने वाली दुर्घटनाऐं इसी ओर इशारा करती हैं कि ‘यहां चलना खतरे से खाली नहीं हैं।’ अगर यकीन ना हो तो कोटपूतली मैन चैराहे से लक्ष्मीनगर मोड़ तक की सर्विस लाइन के हालात देख आइए। यकीनन आपके चेहरे का रंग तो बदरंग नजर आएगा ही सेहत भी डाॅक्टर की सलाह लेने को कहने लगेगी। ...लेकिन इन सब से शायद हमारे जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को कोई खास मतलब नहीं है, तभी तो दिन में एक-दो दफा़ यहां से अगर गुजरते भी हैं तो आंखे मूंदकर। (ऊपर) न्यूज चक्र द्वारा कोटपूतली पुलिया से डाबला रोड़ पर ली गई ये तस्वीरें ओवरलोडेड डम्परों की स्पष्ट तस्वीरें बता रही हैं कि दिनदहाड़े कैसे कोटपूतली प्रशासन के नाक के नीचे ओवरलोडेड वाहनों का आवागमन होता
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