सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं
मीडिया की समस्याओं व चुनौतियों पर मंथन

राजस्थान पत्रकार परिषद् की बैठक




फोटो- पत्रकारों को संबोधित करते राजस्थान पत्रकार परिषद् के जयपुर ग्रामीण जिलाध्यक्ष आनंद पंडित एवं फोटो में left से second विकास वर्मा (संपादक, न्यूज चक्र)



कोटपूतली । राजस्थान पत्रकार परिषद् के जयपुर ग्रामीण जिलाध्यक्ष आनंद पंडित की अध्यक्षता में संगठन से जुड़े पत्रकारों की एक बैठक आयोजित हुई। होटल आरटीएम में आयोजित बैठक में पत्रकारों से जुड़ी समस्याओं व चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया गया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष आनंद पंडित ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आज पत्रकारिता के क्षेत्र में मीडिया से जुड़े लोगों के लिए नई चुनौतियां सामने आ रही हैं, इन पर समय रहते ध्यान दिया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जयपुर ग्रामीण ही नहीं, बल्कि राजस्थान भर के पत्रकारों के हित में कल्याणकारी कदम उठाने के लिए संगठन प्रदेश स्तर पर काम कर रहा है। पंडित ने एकजुटता पर जोर देते हुए तथ्यों व सच्चाई को सामने रखकर खबर लिखने की बात भी कही। संगठन के उपाध्यक्ष दिनेश मोरीजावाला ने कम से कम तीन माह में एक बैठक आयोजित करने का सुझाव देते हुए मीडिया से संबंधित किसी भी समस्या को लेकर अध्यक्ष को अवगत कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि स्वाभिमान को मजबूत रखते हुए पत्रकारों को पीत पत्रकारिता से परे हटकर सकारात्मक सोच के साथ कार्य करना चाहिए। इस मौके पर महासचिव विपिन पारीक, कोषाध्यक्ष दिनेश अग्रवाल, कार्यालय सचिव ओमप्रकाश शर्मा, सुभाष भार्गव, अमित यादव, दीपक भारद्वाज व विकास वर्मा (संपादक, न्यूज चक्र) ने भी अपने विचार रखे।
बैठक में रमाकान्त शर्मा, अनिल कौशिक, संयुक्त मंत्री राजकुमार गर्ग व नवीन गर्ग, अनिल शरण बंसल, पुरूषोत्तम भारद्वाज, बालकृष्ण शुक्ला, शिवकुमार गुप्ता, राजेन्द्र कुमार शर्मा, महेश सैनी, मक्खन लाल जांगिड़, सुबेसिंह गुर्जर, सतीष शर्मा, रामप्रकाश बंसल, श्रीकांत मिश्रा, गोपाल शर्मा, अनिल शर्मा, सीताराम गुप्ता, महेश सैनी, मयंक शर्मा, इन्द्राज आर्य, आलोक शरण, अनिल शर्मा (पीटीआई), सुरेश कुमार, राजकुमार शर्मा व धर्मेन्द्र बंसल समेत अन्य पत्रकार मौजूद थे।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ओवरलोड चलते हैं, और...पलट जाते हैं...यमदूत बनकर

    यह किसी फिल्म का सीन नहीं, बल्कि एक ऐसी दुखद हकीकत है, जिसे कोटपूतली के बाशिंदे हर रोज झेलते हैं। गांव से मजदूरी पर निकला कोई मजदूर हो या किसी कम्पनी का ओहदेदार प्रशासनिक अधिकारी।...हर किसी के जहन में बस एक ही डर रहता है कि पता नहीं ‘कोटपूतली क्राॅस ’ हो पाएगा कि नहीं? पता नहीं जाम में फंस जांए या जान ही चली जाए।     कोटपूतली में सर्विस लाइन को लेकर आए दिन होने वाली दुर्घटनाऐं इसी ओर इशारा करती हैं कि ‘यहां चलना खतरे से खाली नहीं हैं।’  अगर यकीन ना हो तो कोटपूतली मैन चैराहे से लक्ष्मीनगर मोड़ तक की सर्विस लाइन के हालात देख आइए। यकीनन आपके चेहरे का रंग तो बदरंग नजर आएगा ही सेहत भी डाॅक्टर की सलाह लेने को कहने लगेगी।     ...लेकिन इन सब से शायद हमारे जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को कोई खास मतलब नहीं है, तभी तो दिन में एक-दो दफा़ यहां से अगर गुजरते भी हैं तो आंखे मूंदकर। (ऊपर) न्यूज चक्र द्वारा कोटपूतली पुलिया से डाबला रोड़ पर ली गई ये तस्वीरें ओवरलोडेड डम्परों की स्पष्ट तस्वीरें बता रही हैं कि दिनदहाड़े कैसे कोटपूतली प्रशासन के नाक के नीचे ओवरलोडेड वाहनों का आवागमन होता

कोरोना को हराकर लौटे गोयल, समर्थकों ने जताई खुशी

न्यूज चक्र, कोटपूतली। भाजपा नेता मुकेश गोयल की कोरोना रिर्पोट नेगेटिव आ गई है। गोयल ने अपने प्रशंसको के लिए यह जानकारी खुद सोशल मीडिया पर शेयर की है। गोयल के कोरोना पर जीत हासिल कर लौटने पर समर्थकों ने खुशी जाहिर की है। आपको बता दें कि भाजपा नेता मुकेश गोयल गत 14 सितम्बर से ही अस्वस्थ चल रहे थे और जयपुर के दुर्लभजी अस्पताल में उपचार ले रहे थे। गोयल की 24 सितम्बर को कोरोना रिर्पोट पाॅजिटिव पाई गई थी। फिलहाल गोयल स्वस्थ हैं और कोरोना रिर्पोट भी नेगेटिव आ गई है। लेकिन फिलहाल चिकित्सकीय सलाह पर एक सप्ताह के लिए होम आइसोलेशन रहेगें। समर्थकों ने किया हवन, मांगी दिर्घायू भाजपा नेता मुकेश गोयल के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना को लेकर लक्ष्मीनगर स्थित श्रीराम मंदिर में भाजपा कार्यकर्ता व समर्थक हवन का आयोजन कर पूजा अर्चना भी कर रहे थे। गोयल के स्वस्थ होकर कोटपूतली निवास पर लौट आने पर सर्मथकों ने खुशी जाहिर की है। आपको बता दें कि अपने विभिन्न सामाजिक कार्यों में भागीदारी के चलते मुकेश गोयल समर्थकों के दिलों में जगह बनाए हुए हैं।

कहां है परिवहन विभाग ?

इन जीपों की तस्वीरे कोटपूतली-बानसूर रोड़ से ली गई है। स्कूली जीप की तस्वीर बानसूर के एक प्राइवेट विघालय की है।   परिवहन विभाग की नींद ने छीना आमजन का सुख चैन     चलना है तो जीप की छत पर बैठ जा या पीछे लटक जा...नहीं तो यूं ही पूरे दिन खड़ा रहेगा। जीप चालकों की यही धोंस अच्छे भले व पढ़े-लिखे आदमी को भी ‘लटकने’ पर मजबूर कर देती है।...और फिर मरता, क्या नहीं करता, कहावत यहीं तो चरितार्थ होती है। बेचारा व्यवस्था का शिकार आदमी करे भी क्या!     जी हां, परिवहन विभाग की अनदेखी की वजह से गzामीण लोगों को प्रतिदिन जान हथेली पर रख सफर करना पड़ रहा है जिसमें बच्चे, महिलाऐं एवं वृ¼जन भी शामिल हैं।     Åपर की तस्वीरों को ध्यान से देखिए, एक जीप जिसमें जीप चालक बुकिंग के समय 10 से  अधिक सवारियां नहीं बिठाते वहीं सवारियों के लिए चलते समय ये 30 सवारियां पूरी हुए बिना स्टैण्ड से हिलते भी नहीं हैं।। तस्वीर 1 में एम-1 व्यक्ति को देखिए,  यह व्यक्ति जीप के सबसे आगे के हिस्से पर बैठा है और ऐसी स्थिति में है कि अचानक बzेक लगने पर यह पलक झपकने से भी कम समय में सड़क पर गिर सकता है और दुर्घटना घट सकती है। अब