कब चालू होगा 75 लाख का ट्रोमा सेंटर?
तैयार है 55 लाख का भवन व 20 लाख की एंबुलेंस
कोटपूतली। सरकारी मशीनरी किस गति से कार्य करती है, देख लीजिए कोटपूतली के ट्रोमा सेंटर भवन एवं इसके बाहर सभी सुविधाओं से लदकद खड़ी एम्बुलेंस को।
इस भवन को पूर्णतया तैयार हुए करीब 8 माह से भी अधिक का समय बीत चुका है। अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि खुद अस्पताल प्रशासन भी इसकी अवधि ‘करीब’ या ‘लगभग’ शब्दों में ही बताता है।
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि इस भवन में बिजली, पानी, चैम्बर, ऐसी...अर्थात सभी मूलभूत व आवश्यक सुविधाऐं मुहैया करा दी गई हैं। अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि भवन निर्माण में कुल 55 लाख का खर्चा बैठ गया है। इसके अलावा इसके बजट में 20 लाख की अलग से एम्बुलेंस भी शामिल है जो सेंटर के बाहर ही खड़ी रहती है। इसके संबंध में खुद अस्पताल प्रशासन के लोग व अन्य दबी जबान से कहते हैं कि अगर शीघz भवन का उद~घाटन नहीं हुआ तो यह एंबुलेंस फिटनेस के लिए मैकेनिक के पास और भवन की मरम्मत के लिए दोबारा से बजट पास करना पड़ सकता है।...क्योंकि लोगों ने भवन के बाहर गाड़ियां खड़ी करना और इसके अहाते में बैठना व सोना शुरू कर दिया है। कुछ लोग आंख बचाकर भवन को गंदा भी करने लगे हैं।
गुड़गांव से जयपुर के बीच इकलौता सरकारी ट्रोमा सेंटर
गुडगांव से जयपुर के बीच बीडीएम अस्पताल ही एकमात्र ऐसी सरकारी अस्पताल है जिसमें सभी आवश्यक सुविधाऐं मौजूद हैं। यहां ब्लड बैंक की सुविधा भी मौजूद है। नेशनल हाइवे के दुर्घटनागzस्त मरीजों को यहीं पर रैफर कर लाया जाता है। लेकिन अक्सर घायलों की हालात गंभीर होने एवं यहां ट्रोमा सेंटर अभी चालू ना होने के कारण मरीजों को जयपुर रैफर किया जाता है। लेकिन कई बार मरीज जयपुर पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं।
तैयार है 55 लाख का भवन व 20 लाख की एंबुलेंस
कोटपूतली। सरकारी मशीनरी किस गति से कार्य करती है, देख लीजिए कोटपूतली के ट्रोमा सेंटर भवन एवं इसके बाहर सभी सुविधाओं से लदकद खड़ी एम्बुलेंस को।
इस भवन को पूर्णतया तैयार हुए करीब 8 माह से भी अधिक का समय बीत चुका है। अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि खुद अस्पताल प्रशासन भी इसकी अवधि ‘करीब’ या ‘लगभग’ शब्दों में ही बताता है।
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि इस भवन में बिजली, पानी, चैम्बर, ऐसी...अर्थात सभी मूलभूत व आवश्यक सुविधाऐं मुहैया करा दी गई हैं। अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि भवन निर्माण में कुल 55 लाख का खर्चा बैठ गया है। इसके अलावा इसके बजट में 20 लाख की अलग से एम्बुलेंस भी शामिल है जो सेंटर के बाहर ही खड़ी रहती है। इसके संबंध में खुद अस्पताल प्रशासन के लोग व अन्य दबी जबान से कहते हैं कि अगर शीघz भवन का उद~घाटन नहीं हुआ तो यह एंबुलेंस फिटनेस के लिए मैकेनिक के पास और भवन की मरम्मत के लिए दोबारा से बजट पास करना पड़ सकता है।...क्योंकि लोगों ने भवन के बाहर गाड़ियां खड़ी करना और इसके अहाते में बैठना व सोना शुरू कर दिया है। कुछ लोग आंख बचाकर भवन को गंदा भी करने लगे हैं।
गुड़गांव से जयपुर के बीच इकलौता सरकारी ट्रोमा सेंटर
गुडगांव से जयपुर के बीच बीडीएम अस्पताल ही एकमात्र ऐसी सरकारी अस्पताल है जिसमें सभी आवश्यक सुविधाऐं मौजूद हैं। यहां ब्लड बैंक की सुविधा भी मौजूद है। नेशनल हाइवे के दुर्घटनागzस्त मरीजों को यहीं पर रैफर कर लाया जाता है। लेकिन अक्सर घायलों की हालात गंभीर होने एवं यहां ट्रोमा सेंटर अभी चालू ना होने के कारण मरीजों को जयपुर रैफर किया जाता है। लेकिन कई बार मरीज जयपुर पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देते हैं।
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