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कड़ाके की ठंड के बीच गरीब को राहत देने पहुंचा ‘सफर’

कोटपूतली। कड़ाके की ठंड के बीच गरीब को राहत देने के उद्देश्य से सफर संस्था की ओर से कोटपूतली पुलिया, सुन्दरपुरा रोड़, मानसरोवर काॅलोनी, लक्ष्मीनगर और बानसूर रोड़ पर गाडि़या लुहार परिवार, झाडू बनाने वाले और बंजारा बस्ती में गर्म ऊनी कपड़े, कम्बल और बच्चों को बिस्कुट वितरित किए गए। सफ़र के साथी पत्रकार विकास वर्मा ने बताया कि सफर संस्था पिछले 10 दिनों से कोटपूतली शहरवासियों से पुराने कपड़े एकत्रित कर रही थी। इस दौरान संस्था को करीब 150 पुराने गर्म कपड़े और 43 कम्बल प्राप्त हुए थे। जिन्हें सफर के साथियों ने गरीबों में वितरित किया। इस दौरान सफर के साथी अनिल दौसोदिया, बृजभूषण कौशिक, समाजसेवी बालकृष्ण सैनी, अभिषेक एवं गितांजलि कौशिक सहित सफर के अन्य साथी मौजूद थे।

अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा भामाशाह कैम्प

कोटपूतली। तहसील की गोरधनपुरा ग्राम पंचायत के लिए राजीव गांधी सेवा केन्द्र, गोरधनपुरा पंचायत पर लगा भामाशाह योजना शिविर घोर अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया। शिविर में भारी संख्या में महिलाऐं परिवार सहित भामाशाह एवं आधार कार्ड बनवाने पहंुची, लेकिन उपस्थित भीड़ के समक्ष सरकारी लवाजमा बौना नजर आया। नतीजतन धीमी कार्य गति से नाराज ग्रामीणों का रह-रहकर आक्रोश फूट पड़ा। कार्य में शीथिलता से नाराज ग्रामीणों ने एकबारगी तो राजीव गांधी सेवा केन्द्र का मुख्य चैनल गेट को हिला-हिलाकर तोड़ने की भी कौशिश की, जिस पर मौके पर मौजूद तहसीलदार ने बुजुर्ग ग्रामीणों की सहायता से आक्रोशित युवाओं को शांत कराते हुए स्थिति पर काबू पाया, और व्यवस्था बनाने के लिहाज से स्वयं ही चैनल गेट के दरवाजे पर कुर्सी डालकर बैठ गए।     शिविर में नाराजगी इस कदर थी कि भामाशाह कार्ड बनवाने आयी बबिता देवी, मणि देवी, जयप्रकाश यादव इत्यादि ने बताया कि शिविर भरे जा रहे फार्मों में भारी त्रृटियां की जा रही हैं। किसी का नाम गलत तो किसी बच्ची की आय ही 20 हजार सालाना दिखा रहे हैं। कृषक को मजदूर और मजदूर को कृषक दिखाने जैसी
राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम की ओर से एक दिवसीय निःशुल्क रोजगार परामर्श सेमीनार आयोजित कोटपूतली। राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम की ओर से कस्बे के अमरपुरा रोड़ स्थित सजना पब्लिक सी सैकण्डरी स्कूल में एक दिवसीय निःशुल्क रोजगार परामर्श सेमीनार का आयोजन किया गया। सेमीनार में निगम के जिला कार्यकर्ता विशाल, योगेश एवं हनुमान सहाय शर्मा ने उपस्थित सैकड़ों युवाओं को टेलरिंग के क्षेत्र में रोजगार एवं स्वरोजगार प्राप्त करने की जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम प्रदेश के गरीब, ग्रामीण, अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व बीपीएल सहित समाज के विभिन्न वर्गाें के 16-35 साल के बेरोजगार युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार उपलब्ध कराने में मदद करता है। इसके तहत न्यूनतम 8 वीं पास योग्यता धारक युवा भी आवेदन कर सकता है।     निगम के जिला कार्यकर्ता हनुमान सहाय शर्मा एवं योगेश ने जानकारी दी कि निगम का उद्देश्य राज्य के बेरोजगार युवक-युवतियों को विभिन्न कौशल प्रशिक्षण जैसे सुरक्षा गार्ड, भवन निर्माण, कार्यालय प्रबंधन, हाॅस्पिटेलिटी, आई.टी., अकाउण्ट्स इत्यादि क्षे

एकाग्रता बनाये रखें तो सफलता जरूर मिलती है- रविन्द्र सिंह

सिविल सेवा परीक्षा में 333वीं रैंक हासिल कर आईएएस बने रविन्द्र सिंह से न्यूज चक्र संपादक विकास वर्मा का साक्षात्कार..... प्रश्न- आईएएस बनने के बारे में कब सोचा और इसके लिए कब से तैयारी आरंभ की? यह एग्जाम देने का मन मैंने काॅलेज में ही बना लिया था. ग्रेजुएशन करके 6 महीने नौकरी करने के बाद इस्तीफा दे कर मैंने फिर नियमित रूप से इसकी तैयारी शुर्रु कर दी। प्रश्न- इस परीक्षा में यह आपका कौन-सा अटेम्प्ट था? पहले के प्रयासों से क्या सबक लिए? यह पूरी तैयारी के साथ मेरा पहला प्रयास था हालांकि कॉलेज में पढ़ते हुए भी मैंने एक प्रयास दे दिया था। सबक लेने के लिए मैंने उन लोगों से संपर्क किया जो पहले से तैयारी कर रहे कर रहे थे ताकि मुझे पता चल सके क्या पढ़ना है और कैसे उत्तर लिखे जाते हैं। प्रश्न- अपना परिणाम जानने से पहले आप टाॅपर्स के बारे में क्या सोचते थे? मेरा सदा से यही मानना रहा है की कोई भी मेहनत और लगन के साथ इस परीक्षा में अच्छा स्थान ला सकता हैं और इन गुणों के लिए में उनका बहुत सम्मान करता था प्रश्न- मुख्य परीक्षा आपने किन-किन ऐच्छिक विषयों को चुना था? मैथ्स (गण

ओवरलोड चलते हैं, और...पलट जाते हैं...यमदूत बनकर

    यह किसी फिल्म का सीन नहीं, बल्कि एक ऐसी दुखद हकीकत है, जिसे कोटपूतली के बाशिंदे हर रोज झेलते हैं। गांव से मजदूरी पर निकला कोई मजदूर हो या किसी कम्पनी का ओहदेदार प्रशासनिक अधिकारी।...हर किसी के जहन में बस एक ही डर रहता है कि पता नहीं ‘कोटपूतली क्राॅस ’ हो पाएगा कि नहीं? पता नहीं जाम में फंस जांए या जान ही चली जाए।     कोटपूतली में सर्विस लाइन को लेकर आए दिन होने वाली दुर्घटनाऐं इसी ओर इशारा करती हैं कि ‘यहां चलना खतरे से खाली नहीं हैं।’  अगर यकीन ना हो तो कोटपूतली मैन चैराहे से लक्ष्मीनगर मोड़ तक की सर्विस लाइन के हालात देख आइए। यकीनन आपके चेहरे का रंग तो बदरंग नजर आएगा ही सेहत भी डाॅक्टर की सलाह लेने को कहने लगेगी।     ...लेकिन इन सब से शायद हमारे जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को कोई खास मतलब नहीं है, तभी तो दिन में एक-दो दफा़ यहां से अगर गुजरते भी हैं तो आंखे मूंदकर। (ऊपर) न्यूज चक्र द्वारा कोटपूतली पुलिया से डाबला रोड़ पर ली गई ये तस्वीरें ओवरलोडेड डम्परों की स्पष्ट तस्वीरें बता रही हैं कि दिनदहाड़े कैसे कोटपूतली प्रशासन के नाक के नीचे ओवरलोडेड वाहनों का आवागमन होता

युवती ने किया आत्महत्या का प्रयास

https://www.facebook.com/vikasverma.kotputli Date- 4/8/2014 कोटपूतली बडाबास मौहल्ला निवासी एक युवती ने पैडोसी युवक के द्वारा परेशान किये जाने पर अपने हाथ की नसें काट ली। स्थिति गंभीर होने पर उसे राजकीय अस्पताल में दाखिल करवाया गया। युवती की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है । परिजनो व युवती के अनुसार पड़ोस में ही रहने वाला एक युवक मोबाइल में वीडीयों रिकोर्डिग करने के बाद सार्वजनिक करने की धमकी देकर युवती पर जबरन शादी करने का दबाव बना रहा है । जिससे तंग आकर युवती ने अपने हाथ की नशे काट ली । पुलिस ने अस्पताल पहुचकर युवती से पुछताछ की । पुलिस मामले की जांच कर रही है। राजकीय अस्पताल में युवती के बयान लेने पहुंचे थाना प्रभारी लक्ष्मीकान्त शर्मा के अनुसार वह मामले की जांच कर रहे हैं। अभी तक एक पडोसी युवक के दवारा परेशान करने की बात सामने आई है ।

झाडि़यों के बीच मिली जिंदा बच्ची

click here... http://youtu.be/o1pYkKABxfo इसे इतना शेयर करो कि बच्ची के दर्द की आवाज बेरहम ‘मां’ तक पहुच जाए। कोटपूतली के ग्राम गोपालपुरा के समीप आज (27/07/2014) सुबह जिंदा नवजात बच्ची मिली है। बच्ची को बेरहम ‘मां’ ने झाडि़यों के बीच पटक ा हुआ था, जिस पर चिंटिया लगने लग गई थी। झाडियों एवं चिंटियों के खरोच के निशान बच्ची पर आसानी से देखे जा सकते हैं। बच्ची को संभवतया आज तड़के ही झाडियों में पटका गया था, सुबह शौच के लिए निकले ग्रामीणों ने बच्ची के रोने की आवाज सुनकर बच्ची को संभाला और कोटपूतली पुलिस को सूचना दी। कोटपूतली पुलिस ने तत्परता बरतते हुए बच्ची को कोटपूतली के राजकीय बीडीएम अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां बच्ची का इलाज जारी है। पुलिस व डॉक्टरों के अनुसार बच्ची संभवतया दो या तीन पहले पैदा हुई है। पुलिस बच्ची के निर्दयी मां-बाप की तलाश में जुट गई है।

बालवाहिनी के नाम पर ‘दुघर्टना वाहिनी’ दौड़ा रहे स्कूल

बालवाहिनी के नाम पर ‘दुघर्टना वाहिनी’ दौड़ा रहे स्कूल     कोटपूतली। कस्बे में सैकडों निजी विद्यालय हैं जिनमें परिवहन व्यवस्था के लिये बाल वाहिनी के नाम पर स्कूल संचालकों ने बसों व टैम्पों की व्यवस्था कर रखी है लेकिन सुरक्षा मानकों को लेकर ना कोई संस्था गंभीर है और ना ही परिवहन विभाग और ना ही अभिभावक। नतीजतन संस्था प्रधानों द्वारा मामूली से लालच को लेकर छात्र छात्राओं की जिंदगी के साथ सरेआम खिलवाड किया जा रहा है। शिक्षा विभाग व परिवहन विभाग की उदासीनता के चलते निजी विद्यालय परिवहन के नाम पर छात्रों के अभिभावकों से मोटी रकम वसूल कर रहे हैं लेकिन सुरक्षा व्यवस्थाओं की बात करें तो इन संस्थाओं में ढाक के तीन पात नजर आते हैं। बीस सीटर मिनी बसों में चालीस से पचास विद्यार्थियों को ठूंस ठूंस कर भर दिया जाता है जिससे आये दिन बाल वाहिनियों से मासूम छात्रों व उनके परिवार की जिंदगी तबाह हो रही है।     स्कूल संचालकों के जरा से लालच की वजह से आए दिन स्कूली छात्र दुघर्टना का शिकार होते रहते हैं। पिछले दिनों ऐसी ही लापरवाही की वजह से एक छात्र अपना जीवन गंवा बैठा, जब बाल वाहिनी के नाम पर एक ट्रेवल्स