कोटपूतली के स्थानीय राजपूताना पी॰ जी॰ काॅलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई प्रथम व द्वितीय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर के चैाथे दिन स्वयंसेवकों द्वारा श्रमदान् किया गया। उप प्राचार्य सुशील सकलानी ने बताया कि इकाई प्रथम के स्वयंसेवकों ने गोद ली गई गढ काॅलोनी व द्वितीय इकाई के स्वयंसेवकों ने गोविन्द विहार में श्रमदान् व सफाई कार्य किया। इस दौरान इकाई द्वितीय के कार्यक्रम अधिकारी रघुनन्दन सैन, व्याख्याता संजय कुमार, दयानन्द गुर्जर, महेन्द्र कुमार गुर्जर आदि साथ उपस्थित थे।
यह किसी फिल्म का सीन नहीं, बल्कि एक ऐसी दुखद हकीकत है, जिसे कोटपूतली के बाशिंदे हर रोज झेलते हैं। गांव से मजदूरी पर निकला कोई मजदूर हो या किसी कम्पनी का ओहदेदार प्रशासनिक अधिकारी।...हर किसी के जहन में बस एक ही डर रहता है कि पता नहीं ‘कोटपूतली क्राॅस ’ हो पाएगा कि नहीं? पता नहीं जाम में फंस जांए या जान ही चली जाए। कोटपूतली में सर्विस लाइन को लेकर आए दिन होने वाली दुर्घटनाऐं इसी ओर इशारा करती हैं कि ‘यहां चलना खतरे से खाली नहीं हैं।’ अगर यकीन ना हो तो कोटपूतली मैन चैराहे से लक्ष्मीनगर मोड़ तक की सर्विस लाइन के हालात देख आइए। यकीनन आपके चेहरे का रंग तो बदरंग नजर आएगा ही सेहत भी डाॅक्टर की सलाह लेने को कहने लगेगी। ...लेकिन इन सब से शायद हमारे जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को कोई खास मतलब नहीं है, तभी तो दिन में एक-दो दफा़ यहां से अगर गुजरते भी हैं तो आंखे मूंदकर। (ऊपर) न्यूज चक्र द्वारा कोटपूतली पुलिया से डाबला रोड़ पर ली गई ये तस्वीरें ओवरलोडेड डम्परों की स्पष्ट तस्वीरें बता रही हैं कि दिनदहाड़े कैसे कोटपूतली प्रशासन के नाक के नीचे ओवरलोडेड वाहनों का आवागमन होता
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें