सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं
उफ् ये कैसा तंत्र है...?



इंदौर में राजस्थान पत्रिका पर हमले होना, वहां की सरकार और प्रशासन के नकारापन को दर्शाता है, जो अब तक अपराधियों पर नकेल नहीं कस सकी है। यह लोकतंत्र की हत्या का प्रयास है, उस संविधान की हत्या का प्रयास है, जो स्वतंत्र अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान करता है।...तो फिर अब तक वहां के सामाजिक संगठन, प्रशासन और सरकार किस बात का इंतजार कर रहे हैं, क्या अभी कुछ और होना बाकी है? होना तो यह चाहिए था कि ऐसे समाजकंटकों की नाक में तुरंत नकेल डाल उन्हें एहसास करा देना चाहिए था कि लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ से खिलवाड़ करने की हिमाकत करने पर क्या होता है, फिर राजस्थान पत्रिका तो निर्भिक और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जानी जाती रही है।...मैं उन चंद राजनेताओं को साधूवाद देता हुं जिन्होंने संसद में सरकार के समक्ष प्रेस की स्वतंत्रता पर हो रहे हमले पर चिंता जाहिर की और जवाब मांगा।...लेकिन दुखः है कि भाजपा आलाकमान अभी तक इस मुद्दे पर चुप हैं।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

किस्मत तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते

  किस्मत तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते ... कहते हैं हाथों की लकीरों पर भरोसा मत कर , किस्मत तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते। जी हां , इस कथनी को करनी में बदल दिया है राजस्थान की कोटपूतली तहसील के नारेहड़ा गांव की 14 वर्षीय मुखला सैनी ने। मुखला को कुदरत ने जन्म से ही हाथ नहीं दिये , लेकिन मुखला का हौसला , जज्बा और हिम्मत देखिए , उसने ‘ करत-करत अभ्यास के जड़मत होत सुजान ’ कहावत को भी चरितार्थ कर दिखाया है , अब वह अपने पैरों की सहायता से वह सब कार्य करती है जो उसकी उम z के अन्य सामान्य बच्चे करते हैं। कुदरत ने मुखला को सब कुछ तो दिया , लेकिन जीवन के जरूरी काम-काज के लिए दो हाथ नहीं दिये। बिना हाथों के जीवन की कल्पना करना भी बहुत कठिन है , लेकिन मुखला ने इसे अपनी नियति मान कर परिस्थितियों से समझौता कर लिया है। हाथ नहीं होने पर अब वह पैरों से अपने सारे काम करने लग गई है। पढ़ने की ललक के चलते मुखला पैरों से लिखना सीख गई है और आठवीं कक्षा में पहुंच गई है। मुखला को पैरों से लिखते देखकर हाथ वालों को भी कुछ कर दिखाने की प्रेरणा लेनी चाहिए...

लालचंद कटारिया के केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री बनने पर कोटपूतली में हर्ष का माहौल, बांटी मिठाइयां

लालचंद कटारिया के केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री बनने पर कोटपूतली में हर्ष का माहौल, बंटी मिठाइयां कोटपूतली। जयपुर ग्रामीण सांसद व जयपुर जिला देहात कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष लालचन्द कटारिया को देश का नया रक्षा राज्यमंत्री बनाया गया है। कटारिया ने रविवार को राष्ट्रपति भवन के सेन्ट्रल हाल में पद व गोपनीयता की शपथ ली जहा उन्हे राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जरिये पद व गोपनीयता की शपथ दिलवाई। कटारिया को केंन्द्र सरकार में नई जिम्मेदारी मिलने पर कोटपूतली सहित पूरे जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में हर्ष की लहर दौड़ गई है। कटारिया के मंत्री बनने पर कांग्रेस ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष व पीसीसी मैम्बर राजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि आला कमान ने सांसद कटारिया की योग्यताओ को व काबीलियत को देखते हुए उन्हे रक्षा मंत्रालय की बागडोर सौपी है। उम्मीद है कि कटारिया राष्ट्रहित में रक्षा मंत्रालय को नये मुकाम पर पहुचायेगें।        स्थानीय कांग्रेस कार्यालय पर रविवार प्रातः कांग्रेसी कार्यकर्ताओ ने यादव को बधाई दी, एंव इसके उपरान्त पीसीसी...

एकाग्रता बनाये रखें तो सफलता जरूर मिलती है- रविन्द्र सिंह

सिविल सेवा परीक्षा में 333वीं रैंक हासिल कर आईएएस बने रविन्द्र सिंह से न्यूज चक्र संपादक विकास वर्मा का साक्षात्कार..... प्रश्न- आईएएस बनने के बारे में कब सोचा और इसके लिए कब से तैयारी आरंभ की? यह एग्जाम देने का मन मैंने काॅलेज में ही बना लिया था. ग्रेजुएशन करके 6 महीने नौकरी करने के बाद इस्तीफा दे कर मैंने फिर नियमित रूप से इसकी तैयारी शुर्रु कर दी। प्रश्न- इस परीक्षा में यह आपका कौन-सा अटेम्प्ट था? पहले के प्रयासों से क्या सबक लिए? यह पूरी तैयारी के साथ मेरा पहला प्रयास था हालांकि कॉलेज में पढ़ते हुए भी मैंने एक प्रयास दे दिया था। सबक लेने के लिए मैंने उन लोगों से संपर्क किया जो पहले से तैयारी कर रहे कर रहे थे ताकि मुझे पता चल सके क्या पढ़ना है और कैसे उत्तर लिखे जाते हैं। प्रश्न- अपना परिणाम जानने से पहले आप टाॅपर्स के बारे में क्या सोचते थे? मेरा सदा से यही मानना रहा है की कोई भी मेहनत और लगन के साथ इस परीक्षा में अच्छा स्थान ला सकता हैं और इन गुणों के लिए में उनका बहुत सम्मान करता था प्रश्न- मुख्य परीक्षा आपने किन-किन ऐच्छिक विषयों को चुना था? मैथ्स (गण...