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उफ् ये कैसा तंत्र है...?



इंदौर में राजस्थान पत्रिका पर हमले होना, वहां की सरकार और प्रशासन के नकारापन को दर्शाता है, जो अब तक अपराधियों पर नकेल नहीं कस सकी है। यह लोकतंत्र की हत्या का प्रयास है, उस संविधान की हत्या का प्रयास है, जो स्वतंत्र अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान करता है।...तो फिर अब तक वहां के सामाजिक संगठन, प्रशासन और सरकार किस बात का इंतजार कर रहे हैं, क्या अभी कुछ और होना बाकी है? होना तो यह चाहिए था कि ऐसे समाजकंटकों की नाक में तुरंत नकेल डाल उन्हें एहसास करा देना चाहिए था कि लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ से खिलवाड़ करने की हिमाकत करने पर क्या होता है, फिर राजस्थान पत्रिका तो निर्भिक और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जानी जाती रही है।...मैं उन चंद राजनेताओं को साधूवाद देता हुं जिन्होंने संसद में सरकार के समक्ष प्रेस की स्वतंत्रता पर हो रहे हमले पर चिंता जाहिर की और जवाब मांगा।...लेकिन दुखः है कि भाजपा आलाकमान अभी तक इस मुद्दे पर चुप हैं।

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ओवरलोड चलते हैं, और...पलट जाते हैं...यमदूत बनकर

    यह किसी फिल्म का सीन नहीं, बल्कि एक ऐसी दुखद हकीकत है, जिसे कोटपूतली के बाशिंदे हर रोज झेलते हैं। गांव से मजदूरी पर निकला कोई मजदूर हो या किसी कम्पनी का ओहदेदार प्रशासनिक अधिकारी।...हर किसी के जहन में बस एक ही डर रहता है कि पता नहीं ‘कोटपूतली क्राॅस ’ हो पाएगा कि नहीं? पता नहीं जाम में फंस जांए या जान ही चली जाए।     कोटपूतली में सर्विस लाइन को लेकर आए दिन होने वाली दुर्घटनाऐं इसी ओर इशारा करती हैं कि ‘यहां चलना खतरे से खाली नहीं हैं।’  अगर यकीन ना हो तो कोटपूतली मैन चैराहे से लक्ष्मीनगर मोड़ तक की सर्विस लाइन के हालात देख आइए। यकीनन आपके चेहरे का रंग तो बदरंग नजर आएगा ही सेहत भी डाॅक्टर की सलाह लेने को कहने लगेगी।     ...लेकिन इन सब से शायद हमारे जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को कोई खास मतलब नहीं है, तभी तो दिन में एक-दो दफा़ यहां से अगर गुजरते भी हैं तो आंखे मूंदकर। (ऊपर) न्यूज चक्र द्वारा कोटपूतली पुलिया से डाबला रोड़ पर ली गई ये तस्वीरें ओवरलोडेड डम्परों की स्पष्ट तस्वीरें बता रही हैं कि दिनदहाड़े कैसे कोटपूतली प्रशासन के नाक के नीचे ओवरलोडेड वाहनों का आवागमन होता

कोरोना को हराकर लौटे गोयल, समर्थकों ने जताई खुशी

न्यूज चक्र, कोटपूतली। भाजपा नेता मुकेश गोयल की कोरोना रिर्पोट नेगेटिव आ गई है। गोयल ने अपने प्रशंसको के लिए यह जानकारी खुद सोशल मीडिया पर शेयर की है। गोयल के कोरोना पर जीत हासिल कर लौटने पर समर्थकों ने खुशी जाहिर की है। आपको बता दें कि भाजपा नेता मुकेश गोयल गत 14 सितम्बर से ही अस्वस्थ चल रहे थे और जयपुर के दुर्लभजी अस्पताल में उपचार ले रहे थे। गोयल की 24 सितम्बर को कोरोना रिर्पोट पाॅजिटिव पाई गई थी। फिलहाल गोयल स्वस्थ हैं और कोरोना रिर्पोट भी नेगेटिव आ गई है। लेकिन फिलहाल चिकित्सकीय सलाह पर एक सप्ताह के लिए होम आइसोलेशन रहेगें। समर्थकों ने किया हवन, मांगी दिर्घायू भाजपा नेता मुकेश गोयल के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना को लेकर लक्ष्मीनगर स्थित श्रीराम मंदिर में भाजपा कार्यकर्ता व समर्थक हवन का आयोजन कर पूजा अर्चना भी कर रहे थे। गोयल के स्वस्थ होकर कोटपूतली निवास पर लौट आने पर सर्मथकों ने खुशी जाहिर की है। आपको बता दें कि अपने विभिन्न सामाजिक कार्यों में भागीदारी के चलते मुकेश गोयल समर्थकों के दिलों में जगह बनाए हुए हैं।

कहां है परिवहन विभाग ?

इन जीपों की तस्वीरे कोटपूतली-बानसूर रोड़ से ली गई है। स्कूली जीप की तस्वीर बानसूर के एक प्राइवेट विघालय की है।   परिवहन विभाग की नींद ने छीना आमजन का सुख चैन     चलना है तो जीप की छत पर बैठ जा या पीछे लटक जा...नहीं तो यूं ही पूरे दिन खड़ा रहेगा। जीप चालकों की यही धोंस अच्छे भले व पढ़े-लिखे आदमी को भी ‘लटकने’ पर मजबूर कर देती है।...और फिर मरता, क्या नहीं करता, कहावत यहीं तो चरितार्थ होती है। बेचारा व्यवस्था का शिकार आदमी करे भी क्या!     जी हां, परिवहन विभाग की अनदेखी की वजह से गzामीण लोगों को प्रतिदिन जान हथेली पर रख सफर करना पड़ रहा है जिसमें बच्चे, महिलाऐं एवं वृ¼जन भी शामिल हैं।     Åपर की तस्वीरों को ध्यान से देखिए, एक जीप जिसमें जीप चालक बुकिंग के समय 10 से  अधिक सवारियां नहीं बिठाते वहीं सवारियों के लिए चलते समय ये 30 सवारियां पूरी हुए बिना स्टैण्ड से हिलते भी नहीं हैं।। तस्वीर 1 में एम-1 व्यक्ति को देखिए,  यह व्यक्ति जीप के सबसे आगे के हिस्से पर बैठा है और ऐसी स्थिति में है कि अचानक बzेक लगने पर यह पलक झपकने से भी कम समय में सड़क पर गिर सकता है और दुर्घटना घट सकती है। अब