क्या आपने कभी अपने टूथब्रश के चुनाव के बारे में सोचा है! सामान्यतया लोग टूथब्रथ का चुनाव एवं खरीददारी उसके रंग, डिजाइन अथवा टीवी पर दिखाये जाने वाले विज्ञापनों के आधार पर करते हैं। टूथब्रश कार्य आपके प्रत्येक दांत तक पहुंचना तथा उन्हें पूरी दक्षता के साथ साफ करना होता है। एक सही टूथब्रश का उपयोग आपके मुंह की हाइजीन तथा पाइरिया की रोकथाम की तरफ बढ़ाया गया पहला कदम है। वहीं एक खराब ब्रश आपके दांतों की ठीक प्रकार से सफाई नहीं कर पाता एवं मात्र ओपचारिकता बनकर रह जाता है। यह कहना है डेन्टल सर्जन डॉ. कृष्ण कुमार का। डॉ. कृष्ण यहां आर्मी दि फेमिली डेन्टल केयर के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे।
डॉ. कृष्ण ने आगे बताया कि एक नरम ब्रिसल्स ;टूथब्रश के बालद्ध वाला टूथब्रश उपयोग करना उचित होता है। सख्त ब्रिसल्स युक्त ब्रश आपके मसूड़ों को नुकसान पहुंचाता है। नरम ब्रिसल्स ज्यादा लचिले होते हैं जो दांत एवं मसूड़ों के बीच की जगह में भी पहुंचकर साफ करते हैं। टूथब्रश का सिर छोटा होना चाहिए, छोटा सिर आपके मुंह के प्रत्येक कोने में पहुंचकर सफाई करता है। टूथब्रश का हेन्डल ऐसा होना चाहिए जो ब्रश पकड़ते समय आरामदायक हो, तथा साथ ही आपको अपना ब्रश हर 3 महीने के अन्तराल में बदल लेना चाहिए। यह इस बात का ध्यान रखें कि अगर आपके ब्रश के ब्रिसल्स कुछ ही हतों में घिस जाते हैं तो आप बहुत उग्रता से ब्रश करते हो। बहुत तेज एवं उग्रता से ब्रश करने से आपके मसूड़ों को हानि पहुंच सकती है। इससे मसूड़े दांत की सतह से हट जाते हैं एवं दांतों की जड़े निकल आती हैं। दूसरी ओर अगर आपके ब्रशल्स 5 से 6 महिने के बाद भी खराब होने का संकेत नहीं देते तो आप अत्यधिक कोमलता से ब्रश करते हैं।
आजकल बाजार में कलरकोडेड ब्रश भी उपलब्ध हैं, इन ब्रश में ब्रिशल्स का बदलता रंग नया ब्रश लेने का संकेत देता है। एक ओर महत्वपूर्ण बात जिससे ज्यादातर लोग अनभिज्ञ होते हैं कि सर्दी, जुकाम, लू, गले की खंरास तथा अन्य मुंह के इन्फेक्सन के बाद ब्रश बदलना चाहिए, पहले वाले ब्रश का उपयोग इन इन्फेक्शन के पुनः एंव बार बार होने का कारण बन सकता है।
मुंह एवं दांतों के स्वास्थ्य से संबंधित आपके सवाल आप 9352167899 नम्बर पर एसएमएस कर सकते हैं।
डॉ. कृष्ण ने आगे बताया कि एक नरम ब्रिसल्स ;टूथब्रश के बालद्ध वाला टूथब्रश उपयोग करना उचित होता है। सख्त ब्रिसल्स युक्त ब्रश आपके मसूड़ों को नुकसान पहुंचाता है। नरम ब्रिसल्स ज्यादा लचिले होते हैं जो दांत एवं मसूड़ों के बीच की जगह में भी पहुंचकर साफ करते हैं। टूथब्रश का सिर छोटा होना चाहिए, छोटा सिर आपके मुंह के प्रत्येक कोने में पहुंचकर सफाई करता है। टूथब्रश का हेन्डल ऐसा होना चाहिए जो ब्रश पकड़ते समय आरामदायक हो, तथा साथ ही आपको अपना ब्रश हर 3 महीने के अन्तराल में बदल लेना चाहिए। यह इस बात का ध्यान रखें कि अगर आपके ब्रश के ब्रिसल्स कुछ ही हतों में घिस जाते हैं तो आप बहुत उग्रता से ब्रश करते हो। बहुत तेज एवं उग्रता से ब्रश करने से आपके मसूड़ों को हानि पहुंच सकती है। इससे मसूड़े दांत की सतह से हट जाते हैं एवं दांतों की जड़े निकल आती हैं। दूसरी ओर अगर आपके ब्रशल्स 5 से 6 महिने के बाद भी खराब होने का संकेत नहीं देते तो आप अत्यधिक कोमलता से ब्रश करते हैं।
आजकल बाजार में कलरकोडेड ब्रश भी उपलब्ध हैं, इन ब्रश में ब्रिशल्स का बदलता रंग नया ब्रश लेने का संकेत देता है। एक ओर महत्वपूर्ण बात जिससे ज्यादातर लोग अनभिज्ञ होते हैं कि सर्दी, जुकाम, लू, गले की खंरास तथा अन्य मुंह के इन्फेक्सन के बाद ब्रश बदलना चाहिए, पहले वाले ब्रश का उपयोग इन इन्फेक्शन के पुनः एंव बार बार होने का कारण बन सकता है।
मुंह एवं दांतों के स्वास्थ्य से संबंधित आपके सवाल आप 9352167899 नम्बर पर एसएमएस कर सकते हैं।
प्रायः सभी दन्त चिकित्सक इसी तरह की सलाह देते हैं. लेकिन प्रायः लोग ब्रश बदलने में लापरवाही कर देते हैं. ( मैं भी)
जवाब देंहटाएंसही जानकारी दी है
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