यादें याद आती हैं,
तेरे साथ बीता हर लम्हा,
हर पल, हर मुलाकात,
हर बात याद आती है।
कितना भी बदलें अब
हम या तुम
वो सुनसान राहें, पथरीली डगर
वो सूरज की पहली किरण के साथ
घंटो बतियाना तुम्हारे साथ,
हरियल घास की गुदगुदी
याद आती है।
तेरे साथ बीता हर लम्हा,
हर पल, हर मुलाकात,
हर बात याद आती है।
कितना भी बदलें अब
हम या तुम
वो सुनसान राहें, पथरीली डगर
रह रहकर याद आती हैं।
वो सूरज की पहली किरण के साथ
घंटो बतियाना तुम्हारे साथ,
हरियल घास की गुदगुदी
याद आती है।
तेरे साथ बीता हर लम्हा,
हर पल, हर मुलाकात,
हर बात याद आती है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें